
Kisan Rally: दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर तनाव, पुलिस सड़क खाली करवाने की कोशिश में
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद से किसानों के आंदोलन को लेकर पुलिस एक्शन में आ गई है. दिल्ली-यूपी बॉर्डर (Delhi-Uttar Pradesh border ) पर गाजीपुर (Ghazipur) में उस समय तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई जब कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए डटे किसानों से विरोध प्रदर्शन खत्म करने और रास्ता खाली करने को कहा गया. सूत्रों के अनुसार, आदेश देने वाले गाजियाबाद प्रशासन की योजना गुरुवार रात तक रास्ते को खाली करने की है. उधर किसानों ने इससे इनकार कर दिया, किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने ऐलान किया वे गोलियों का सामना करने के लिए तैयार हैं.
प्रशासन की सख्ती के बाद वहां पर तीन कंपनी CAPF, 6 कंपनी PAC और 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने भावुक होकर दो टूक कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे. उनके इंटरव्यू के दौरान रोने का वीडियो भी सामने आया है. देखते ही देखते यह वीडियो पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई जिलों के गांवों में तेजी से फैलने लगा और किसानों ने उनका समर्थन करने का फैसला किया. देर रात में ही कई जिलों के किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गए. किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रात में ही सुरक्षाबल वहां से जाने लगे.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने शांतिपूर्ण तरीके से बैठकर विरोध करने को न्यायोचित बताया है. गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई, इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अख्तियार कर रही है. यही यूपी सरकार का ‘चेहरा’ है. ‘ गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली और यूपी की पुलिस पहुंच गई थी. पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसानों से आज सड़क खाली करने को कहा था. गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की वॉटर सप्लाई काट दी गई है. पुलिस ने यहां लगाए गए पोर्टेबल टॉयलेट भी हटाने शुरू कर दिए हैं
बता दें कि 26 जनवरी की घटना के बाद से कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर अस्थिरता फैली हुई है. गणतंत्र दिवस के दिन किसानों का ट्रैक्टर मार्च बेकाबू हो गया था, जिसके बाद आईटीओ, लालकिला और नांगलोई समेत दिल्ली के कई इलाकों में जमकर बवाल मचा. इसे लेकर दिल्ली पुलिस ने 20 किसान नेताओं के खिलाफ नोटिस जारी करके पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए?
इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि पुलिस ने मामला दर्ज किया है, हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे. वीएमसिंह के जाने को लेकर टिकैत ने कहा कि उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ा है, जो किसान 26 जनवरी के लिए आए थे, वो गए हैं. पुलिस जांच और वायरल वीडियो को लेकर टिकैत ने कहा कि मेरा जो वीडियो पुलिस ने दिखाया है, मैं उसका लिखित में जवाब दूंगा. ये पुराना वीडियो है. जब पुलिस के साथ बातचीत फाइनल नहीं हुई थी. ये मामला बातचीत से ही हल हो सकता है, पुलिस के जबरदस्ती हटाने से हल होने वाला नहीं है. 15-20 दिन में मामले को बातचीत से हल किया जाएगा.
LIVE Update Farmers Protest on Delhi-UP border
राकेश टिकैत का इंटरव्यू के दौरान रोने का वीडियो भी सामने आया है. देखते ही देखते यह वीडियो पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई जिलों के गांवों में तेजी से फैलने लगा और किसानों ने उनका समर्थन करने का फैसला किया. देर रात में ही कई जिलों के किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गए. किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रात में ही सुरक्षाबल वहां से जाने लगे.